Hastmaithun Ke Nuksan क्या हैं और हस्तमैथुन के लाभ क्या हैं, इस विषय पर चर्चा करने से पहले यह जानना भी जरूरी है कि आखिर Hastmaithun Kya Hai या फिर Hastmaithun Kise Kehte Hain? क्योंकि बिना Hastmaithun Ki Jankari के कुछ भी समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। तो आइए पहले जानते हैं कि हस्तमैथुन की परिभाषा।
Hastmaithun Kya Hota Hai?
बिना Female Partner के जब पुरूष अकेले में उत्तेजित होकर हाथ की मदद से Ling को सहला कर, स्पर्श कर या घर्षण द्वारा वीर्य स्खलित करवा लेता है, तो इसे हस्तमैथुन कहते हैं। अंग्रेजी भाषा में इसे Masturbation और आज वर्तमान में कई लोग इसे मुठकरनी भी कहते हैं।
चलिए अब सही मायनों में जानते हैं कि हस्तमैथुन से हानि क्या-क्या हैं? यानी आज की सीधी-सादी भाषा में कहें तो मुठ मारने के नुकसान क्या हैं, इस बारे में जान लेते हैं।
मास्टरबेशन/हस्तमैथुन के नुकसान
देखिए यहां पहले यह समझना ज्यादा जरूरी है कि किसी भी चीज के नुकसान तभी होते हैं, जब हम आधी अधूरी जानकारी या नादानी में किसी भी काम या चीज की अति कर लेते हैं और अति हमेशा नुकसानदायक होती है। फिर चाहे बात खाने-पीने की हो, अच्छी-बुरी आदत की हो या हस्तमैथुन की हो। यहां तक कि हद से ज्यादा खुशी भी कई बार हानिकारक साबित हो जाती है। ऐसे ही हस्तमैथुन के विषय में भी है।
अगर आप माह में एक से दो बार हस्तमैथुन करते हैं या 3 बार हस्तमैथुन करते हैं, तब कोई नुकसान वाली बात नहीं है। लेकिन आप हर रोज हस्मैथुन करते हैं या एक ही दिन में कई-कई बार हस्तमैथुन करते हैं, तब तो आपको संभलने की बहुत ज्यादा जरूरत है। Hastmaithun Kaise Chode इस विषय पर विचार करने की तुरन्त जरूरत है।
रिसर्च के अनुसार कुछ लड़कियों में भी देखा गया है कि वो भी हस्तमैथुन करती हैं। लेकिन उनके हस्तमैथुन करने का तरीका और सोच, पुरूषों की अपेक्षा भिन्न होती है। यदि लड़कियां भी अधिक हस्तमैथुन करती हैं, तो Hastmaithun Se Ladkiyo Ko Nuksan हो सकता है। ऐसे में पुरूष अछूते कहां से रह सकते हैं।
Disadvantages of Masturbation In Male In Hindi
वैसे तो Sexologist और Medical Science में हस्तमैथुन द्वारा खुद को संतुष्ट करने की क्रिया को हेल्दी तरीका माना गया है। लेकिन जैसे कि हमने पहले भी कहा कि अति नुकसानदायक होती है, इसलिए Over Masturbation Side Effects होना भी स्वाभाविक है।
तो चलिए जानते हैं कुछ Side Effects of Masturbation in Male in Hindi के बारे में।
दिमाग का स्थिर ना रहना
पुराने समय से लगातार Hastmaithun Ki Lat Ke Karan ये Masturbation आपकी रोजाना की कार्यशैली में शामिल हो जाती है और जब आप मुठकरनी नहीं कर पाते, तो आपको बेचैनी होने लगती है। आपका शरीर और मस्तिष्क तनाव-रहित होना चाहता है, जो आपकी लत के कारण हस्तमैथुन से ही होना तय है। इसलिए आपका पूरा ध्यान मास्टरबेशन पर ही केन्द्रित रहता है और एक जगह पर दिमाग स्थिर नहीं रह पाता। आप कोई भी जरूरी काम को अधूरे में ही छोड़कर मुठकरनी शुरू कर देते हैं। ये सभी चीजें आपकी परफॉर्मेंस को प्रभावित करती हैं।
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बिस्तर पर खराब प्रदर्शन
जब भी कोई पुरूष हस्तमैथुन करता है, तो अपने दिमाग में कोई अश्लील कल्पना करके ही करता है और उस समय जिस प्रकार की उत्तेजना होती है, उसी प्रकार की गति भी हस्तमैथुन के लिए प्रयोग करता है। इसीलिए लगातार हस्तमैथुन करने से दिमागी कल्पना हावी होने लगती है, जिस कारण बिस्तर पर अपनी Female Partner के साथ Sambhog करते समय वह वैसी कल्पना नहीं कर पाता, जिसका असर Bed Performance पर पड़ता है। ऐसे में ना तो पुरूष खुद संतुष्ट हो पाता है और ना ही अपने पार्टनर को संतुष्ट कर पाता है।
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शादीशुदा जीवन में असर
विवाह के बाद भी अगर कोई पुरूष मुठकरनी करता है, तो ऐसे में Sex Life प्रभावित होने लगती है और पत्नी के साथ आपसी रिश्तों में कड़वाहट आनी शुरू हो जाती है। क्योंकि पुरूष हस्तमैथुन करके खुद की संतुष्टि तो कर लेता है, लेकिन बाद में पत्नी को संतुष्ट नहीं कर पाता। उसकी Sex Iccha Me Kami आने लगती है।
लिंग के लिए नुकसानदायक
कई पुरूष तो इतने मुठकरनी के आदि हो चुके होते हैं कि एक दिन में 3 से 4 बार भी मास्टरबेशन कर लेते हैं। ऐसे में लिंग से जुड़ी समस्या उत्पन्न होने लगती है जैसे कि Ling Me Tanav Ki Kami, Ling Ka Patlapan, Ling Ki Kamjor Nase, Ling Ka Tedapan। कई बार तो कम उम्र में ही Hastmaithun Ki Aadat Ke Karan लिंग का विकास रूक जाता है, Ling Ka Size नहीं बढ़ पाता। ऐसे में कई बार Ling Ki Kamzori दूर करने के लिए Doctors से Contact करना पड़ जाता है। लिंग बढ़ाने की दवाई खानी पड़ती है।
सामाजिक तौर पर अलगाव
एक शोधानुसार ज्ञात हुआ है कि जो लोग हर रोज हस्तमैथुन करते हैं, वो धीरे-धीरे समाज से अलग होने लगते हैं। उनका सामाजिक तौर पर अलगाव होना शुरू हो जाता है। यार, रिश्तेदार या भीड़ भाड़ वाली जगह से बचते हैं, क्योंकि उनकी मानसिक दशा ऐसी हो चुकी होती है कि कभी भी और कहीं भी मास्टरबेशन की इच्छा होने लगती है। ऐसे में उन्हें एकांत की जरूरत महसूस होने होती है और जब एकांत नहीं मिल पाता है, तो स्वभाव में चिढ़चिढ़ापन आने लगता है। दिमागी संतुलन प्रभावित होने लगता है।
मास्टरबेशन कितनी बार करना चाहिए?
Hand Practice यानी Hastmaithun Ki Lat एक प्रकार की भूख है और भूख को शांत करने की सबकी अलग-अलग क्षमता होती है। अगर भोजन का उदाहरण लिया जाए, तो कई लोग भूख लगने पर केवल 2 रोटी खाकर भी संतुष्ट हो जाते हैं और कई लोग 5 रोटी खाकर भी संतुष्ट नहीं होते हैं। कहने का अभिप्राय यह है कि अपना-अपना शरीर और क्षमता है, इसलिए Hastmaithun Kitni Baar Karna Chahiye, इस प्रश्न का सटीक जवाब दे पाना टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।
लेकिन फिर भी कोई हस्तमैथुन करना चाहे तो माह में केवल एक बार या फिर 2 बार से अधिक Hastmaithun Na Kare। अधिक मास्टरेबशन पर कंट्रोल करने की कोशिश करें। हो सके तो इस आदत को छोड़ ही दें।
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