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Gathiya Arthritis Rog Treatment – गठिया रोग का घरेलु इलाज

जॉइंट पेन (Joint Pain) यानी जोड़ों के दर्द की समस्या आज किसी एक वर्ग के लिए नहीं, बल्कि हर वर्ग के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। जॉइंट पेन की वजह से उठने-बैठने, चलने-फिरने, खासकर सीढ़ियां चढ़ने-उतरने में बहुत परेशानी होती है। घरेलू या ऑफिस कोई भी काम हो, हम सही से नहीं कर पाते। खासकर जॉइंट पेन की वजह से बुजुर्ग लोग अधिक प्रभावित होते हैं। क्योंकि बुढ़ापे में हड्डियां लगभग कमजोर हो जाती हैं, जिस कारण से इनमें ग्रीस भी कम हो जाता है और ऐसे में बुजुर्गों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जैसे एक ही स्थान पर अधिक समय तक बैठ गये, तो अब उठने में परेशानी, खड़े हो गये, तो चलने-फिरने में परेशानी, जोड़ वाले हिस्सों को दायें-बायें घुमाने यानी मुड़ने में परेशानी।
Joint Pain problem
बता दें कि हमारी बॉडी के कई ऐसे हिस्से होते हैं, जो हड्डियों के रूप में आपस में एक-दूसरे से जुड़े होते हैं और जब इनमें पीड़ा का अनुभव होता है, तो इसे ही जोड़ों का दर्द (Joint Pain) कहते हैं। हमारी बॉडी के पार्ट कोई भी हो सकते हैं जैसे- कोहनी, बाजू, कंधे, घुटने, कमर, कलाईयां, कूल्हे आदि।

क्यों होता है जोड़ों में दर्द?

अब जोड़ों में दर्द क्यों होता है, तो इसे सिम्पल या साधारण भाषा में समझाया जाये तो जब हमारी बॉडी में जोड़ों वाले हिस्सों की हड्डियों के बीच की ग्रीस खत्म हो जाती है या बहुत कम हो जाती है, तो हमारी बॉडी के जोड़ वाले पार्ट सही से काम नहीं कर पाते। इसी कारण हमें उठने-बैठने और शरीर को मोड़ने में तकलीफ होती है।
हमारा खानपान सही नहीं होने से भी कार्टिलेज घिसने लगते हैं या जोड़ों की हड्डियों के बीच चिकनाई को बरकरार रखने वाले गाढ़े स्राव की मात्रा अधिक बढ़ जाती है, जिसके कारण जोड़ों में दर्द और सूजन बढ़ जाती है। हड्डियां आपस में रगड़ खाती हैं, तो जोड़ों के आसपास सूजन पैदा होने लगती है और कई बार इनका आकार बिगड़ने लगता है। इस स्थिति में जोड़ों में तकलीफ बढ़ जाती है। हाथ, पैर, रीढ़ या जिन जोड़ों पर हमारी बॉडी का वेट अधिक होता है, वे इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं। एक आम स्थिति में इसे ही आर्थ्राइटिस (संधिशोथ) या अस्थि संधिशोथ कहा जाता है।


इसके अलावा ज्यादा मसालेदार भोजन और शराब के अत्यधिक सेवन से भी गठिया जैसे रोगों का आक्रमण आसान हो जाता है। इन चीजों की वजह से गुर्दे में मूत्र कम या ज्यादा बनने लगता है। यूरिक अम्ल का स्तर बढ़ जाता है। यूरिक अम्ल के क्रिस्टल जोड़ों में जमा होकर गठिया के दर्द का सबब बनते हैं।
तो चलिए हम आपको बताते हैं कुछ आसान घरेलू नुस्खों के बारे में, जिनकी मदद से आप जोड़ों के दर्द में कफी हद तक आराम पा सकेंगे।

  1. मेथी के दानों को आप 10 से 20 ग्राम लेकर अच्छे से पीस लें। इसे पाउडर बनाने के बाद आप गुनगुने पानी के साथ लेप बनाकर दर्द वाले जोड़ की मालिश करें या कुछ देर के लिए लगाकर रखें। एक से डेढ़ महीना आप ये नुस्खा करें। आपके दर्द की समस्या खत्म हो जायेगी। मेथी का सेवन तो शरीर में टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने के लिए भी किया जाता है।
  2. आगे बात करें तो लाल मिर्च के इस्तेमाल से भी आप जोड़ों के दर्द में आराम पा सकते हैं। दो लाल मिर्च को नारियल के गरम तेल के साथ जोड़ों पर दर्द वाले हिस्से में मलें। फिर इसे 15 मिनट तक ऐसे ही रहने दें और बाद में हटा दें। लेकिन इस बात का भी खास ध्यान रखें कि जले, कटे या छिले वाले हिस्से पर इसे ना लगायें। वरना असहनीय जलन हो सकती है।
  3. आगे बात करें हल्दी की, तो हल्दी में भी बहुत से औषधिए गुण होते हैं। आप एक गिलास गरम दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर और एक ही चम्मच शहद मिलाकर हर रोज सोने से पहले या दिन में भी भोजन के आधे घंटे बाद पी सकते हैं। जोड़ों के दर्द का रामबाण इलाज है।
  4. सके अलावा आप घर में ही कुछ उपाय या एक्टिविटी कर सकते हैं जैसे- कोशिश करें कि एक ही जगह पर अधिक देर तक न बैठें, चलने-फिरने में आलस न करें, कोई-न-कोई हल्का-फुल्का शारीरिक काम करते रहें, जिससे आपकी बोन्स एक्टिव रहे। कुल मिलाकर शरीर को हिलाते-डुलाते रहें। इससे भी आप काफी हद तक जोड़ों के दर्द में राहत महसूस करेंगे।
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तो दोस्तों ये तो थे कुछ ऐसे आसान से घरेलू नुस्खे, जिन्हें आप घर में ही करके अपने जोड़ों की समस्या में राहत पा सकते हैं। इसके अलावा अब हम बात करते हैं ऐसे लोगों के बारे में, विशेषकर घर में बड़े-बुजुर्गों के बारे में, जिन्हें जोड़ों का दर्द सबसे ज्यादा परेशान करता है या कर रहा है। ऐसे लोगों को अगर घर में उपाय करके जोड़ों के दर्द में आराम नहीं आ रहा है या फिर किसी भी कारण से घर में उपाय करने में सक्षम नहीं हैं, तो ऐसे लोगों के लिए हम बता रहे हैं एक बहुत ही बढ़िया और तेजी से असर करने वाली आयुर्वेदिक दवा के बारे में। दवा का नाम है-Suraj’s RheumOsur Powder. यह दवा प्रकृति की गोद में समायी दुर्लभ जड़ी-बूटियों के मिश्रण से तैयार की गई है। किसी भी प्रकार के केमिकल्स या स्टॉरायड का इस्तेमाल इस दवा को तैयार करने में नहीं किया गया है। बिल्कुल प्योर हर्बल दवा है, जिसका कोई भी साइड इफेक्ट आपको नहीं होता है। जोड़ों के लिए और आपके स्वास्थ्य के लिए एकदम सुरक्षित है।
इस दवा के गुणों और फायदों की बात की जाये तो यह हर्बल दवा, आपके जोड़ों की समस्या को केवल बाहरीतौर पर ही नहीं, बल्कि आंतरिक रूप से भी बिल्कुल ठीक करती है, जिससे आपके जोड़ों की हड्डियों के बीच की समाप्त हो चुकी ग्रीस, धीरे-धीरे फिर से बनना शुरू हो जाती है। ग्रीस का स्तर बढ़ते ही स्वयं ही जोड़ों की अकड़न सामान्य होने लगती है। 10 से 15 दिन के अंदर ही आपको खुद महसूस होने लगेगा कि आपको जोड़ों की समस्या में काफी आराम है। धीरे-धीरे इस दवा के लगातार सेवन से आपके जोड़ों का आपस में रगड़ खाना पूरी तरह बंद हो जायेगा, जिस कारण से उनमें उठने वाले दर्द और सूजन से आपको काफी राहत मिलेगी। आपका उठना-बैठना, चलना-फिरना, दायें-बांये मुड़ना, देखना सब सामान्य हो जायेगा, कोई तकलीफ नहीं होगी। यहां तक कि दर्द में इतना आराम आ जायेगा कि आप लिफ्ट की बजाए, सीढ़ियों का प्रयोग करना ज्यादा पसंद करेंगे और ना ही कोई दर्द या थकान अनुभव आपको होगा।

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