डायबिटीज का घरेलू इलाज और रोकथाम कैसे करें
आज डायबिटीज की समस्या से अधिकांश लोग परेशान हैं। डायबिटीज बड़ी तेज गति से भारत में अपने पांव पसार रहा है। अनुमानित अनुपात के अनुसार 100 में से लगभग 90 प्रतिशत लोग मधुमेह रोग से पीड़ित हैं। डायबिटीज जिसे शुगर की बीमारी से भी जाना जाता है, आज ये रोग अधिक उम्र के लोगों के साथ-साथ युवाओं को भी अपने शिकंजे में जकड़ रहा है, जोकि चिंता का विषय है।
डायबिटीज(Diabetes) क्या है?
डायबिटीज को हिंदी में मधुमेह रोग कहते हैं। हम भोजन के रूप में जो कुछ भी खाते हैं, हमारे शरीर को ऊर्जा उसी से प्राप्त होती है। दरअसल हमारी बॉडी, पचे हुए भोजन में से निकली शुगर को ऊर्जा में बदल देती है और शुगर को ऊर्जा में बदलने का कार्य हमारी बॉडी में मौजूद इंसुलिन करता है।
इसुंलिन एक ऐसा हॉर्मोन है, जो हमारी बॉडी में बनता ही इसलिए है, ताकि हमारी बॉडी में ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सके। इंसुलिन का निमार्ण हमारे शरीर में अग्नाशय या पैंक्रियाज नामक ग्रंथि में होता है। इसुंलिन हमारी बॉडी में शुगर को खून में मिलने से रोकता है, जिससे शुगर हमारे खून तक नहीं पहुंच पाती और शुगर हमारे शरीर की कोशिकाओं में ही स्टोर होकर रह जाती है।
लेकिन जब हमारी बॉडी में इंसुलिन कम हो जाता है या इंसुलिन बनना ही बंद हो जाता है, तो शुगर आसानी से हमारे खून में मिल जाती है, जिससे ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है। दरअसल मधुमेह रोग होने पर रोगी के शरीर में या तो इंसुलिन बनना बंद हो जाता है या फिर हमारी बॉडी की कोशिकायें इंसुलिन के प्रति संवेदनशील नहीं रह जातीं।
आइए पहले समझ लेते हैं कि डायबिटीज और शुगर में क्या अंतर होता है?
डायबिटीज की पूरी जानकारी होना सभी के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि जब हम इस रोग को अच्छे से जानेंगे, तभी इसकी रोकथाम कर पायेंगे। बता दें कि डायबिटीज दो प्रकार की होती है- र्टाप 1 और टाइप 2। वैसे टाइप 1 डायबिटीज हो या टाइप 2 डायबिटीज, दोनों में ही हमारी बॉडी में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है। लेकिन इन दोनों के कारण और इलाज की बात की जाये, तो दो दोनों में बहुत असमानता है। टाइप 1 मुधमेह के लक्षण को इस रोग का शुरूआती दौर कहा जा सकता है, जिसका मतलब है मधुमेह रोग की अभी शुरूआत हुई है, जिसे नियंत्रण में किया जा सकता है। मतलब आप शुगर का घरेलू उपचार करके, डायबिटीज में परहेज करके डायबिटीज कंट्रोल कर सकते हैं। टाइप 1 डायबिटीज में शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है।
वहीं मधुमेह टाइप 2 में रोगी का ब्लड शुगर बहुत अधिक बढ़ जाता है, जिसे नियंत्रण करने में समय लग सकता है।
टाइप 1 मधुमेह के कारण क्या हैं?
टाइप 1 मधुमेह में हमारी बॉडी इंसुलिन बनाना पूरी तरह रोक देती है। यह एक स्वप्रतिरक्ष्ति रोग है, जिसका मतबल है कि हमारी बॉडी में प्रतिरक्षा प्रणाली इतनी कमजोर हो जाती है, कि वह शरीर में मौजूद अपने ही उत्तकों व अन्य पदार्थों को रोगजनक समझने लगती है और उनपर हमला कर नष्ट कर देती है। टाइप 1 मधुमेह अनुवांशिक भी होता है, जोकि जन्म के साथ ही व्यक्ति को हो जाता है। या कम उम्र में ही मधुमेह रोग हो जात है।
टाइप 2 मधुमेह के कारण क्या हैं?
टाइप 2 मधुमेह कई कारणों से हो सकता है। जैसे कि अनिंद्रा, बिगड़ी हुई लाइफ स्टाइल, असंतुलित खानपान, मोटापा, मानसिक तनाव आदि। कई जानकार बताते हैं कि टाइप 2 मधुमेह भी अनुवांशिक रूप से हो सकता है। इस स्टेज में इसुंलिन बनने की मात्रा कम हो जाती है या फिर बॉडी की कोशिकायें इंसुलिन की ओर से संवेदनशील नहीं रह पातीं। व्यक्ति की बिगड़ी हुई लाइफ स्टाइल के कारण यह किसी भी उम्र में हो सकती है। लेकिन अधिकतर देखा गया है कि टाइप 2 शुगर बड़ी उम्र के लोगों को ही होता है।
टाइप 1 मधुमेह और टाइप 2 मधुमेह उपचार क्या है?
दोनों के इलाज की प्रक्रिया अलग है। टाइप 1 मधुमेह के लक्षण के आधार पर बॉडी में इंसुलिन बनाना पूरी तरह से बंद हो जाता है, इसी कारण से टाइप 1 मधुमेह में रोगी की बॉडी में समय-समय पर इंजेक्शन या पंप की मदद से इंसुलिन पहुंचाया जाता है।
टाइप 2 शुगर में इसुंलिन बनता तो है पर बहुत की कम मात्रा में, इसलिए इस स्टेज में रोगी के शरीर में दवाओं की मदद से इंसुलिन बनाने का कार्य किया जाता है। लेकिन आवश्यकता पड़ने पर इंसुलिन देने भी पड़ती है।
मधुमेह(डायबिटीज) रोगियों का आहार कैसा होना चाहिए?
मधुमेह से बचने व इसकी रोकथाम के लिए सबसे जरूरी है अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करने की। अन्यथा मधुमेह उपचार के उपरान्त भी आप मधुमेह के निदान से से वंचित रह सकते हैं।
मधुमेह से ग्रस्त रोगियों को अपने आहार में लगभग 60 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 20 प्रतिशत प्रोटीन और 20 प्रतिशत वसा लेना चाहिए। इन तीनों का कुलमिलाकर 1500 से 1800 जरूर लेना चाहिए। प्रतिदिन फल में 2 से 3 मौसमी व 3 से 4 प्रकार की सब्जियों का सेवन अवश्य करना चाहिए। मांसाहार से परहेज करें, विशेषकर रेड मीट का सेवन तो बिल्कुल ना करें।
नीचे हम आपकी सुविधा हेतु मधुमेह रोगियों के लिए आहार तालिका बता रहे हैं, जोकि एक प्रकार से डायबिटीज डाइट चार्ट वेजीटेरियन है, इनका अनुसरण अवश्य करें..
1. प्रतिदिन सुबह उठने के बाद आधा चम्मच मेथी चूर्ण को एक गिलास पानी के साथ सेवन करें। इसके अलावा रातभर पीने में भिगोकर रखे हुए जौ का पानी आप सुबह छानकर पिएं।
2. जौ का पानी पीने के लगभग एक घण्टे पश्चात् शुगर फ्री चाय के साथ आप कम मीठे वाले बिस्कुट सेवन कर सकते हैं। बिस्कुल 2 या 3 से अधिक न लें।
3. ब्रेकफास्ट में आप एक कटोरी के लगभग अंकुरित अनाज का सेवन करें। इसके अलावा आप आधा गिलास दूध, लेकिन बिना मलाई वाला पिएं। केवल दूध पीना पसंद नहीं है, तो आप एक से दो कटोरी दलिया खायें या ब्रेड में आप केवल ब्राउन बेड ही सेवन करें। दो परांठे खायें, लेकिन तेल में बने हुए परांठे नहीं खाने हैं, केवल सादे खाने हैं। एक कटोरी दही का सेवन करें।
4. दोपहर के समय भोजन करने के लगभग आधा या एक घंटे पूर्व एक अमरूद, संतरा, सेब और पपीता जरूर खायें। इसके बाद रोटी आपको दो खानी है, चावल आप एक छोटी कटोरी लें, एक कटोरी ही दाल लें, एक कटोरी सब्जी के साथ एक कटोरी दही व एक प्लेट सलाद का सेवन करें।
5. शाम के समय ग्रीन टी पिएं(बिना शक्कर वाली) और कम मीठे वाले बिस्कुट या फिर ऑप्शन में कोई बेक्ड स्नेक्स का सेवन कर सकते हैं।
6. रात की डाइट में आप केवल दो रोटी और एक कटोरी के बराबर सब्जी का सेवन करें। इसके अलावा सोने से पूर्व एक गिलास हल्दी वाला दूध पिएं।
मधुमेह का घरेलू उपचार बतायें?
डायबिटीज लेवल को कंट्रोल में करने के लिए हम आपको एक घरेलू नुस्खा बताने जा रहे हैं, जिसकी मदद से आपको डायबिटीज के लक्षण और निदान में बहुत राहत मिलेगी।
नुस्खा बनाने के लिए सामग्री :
250 ग्राम मेथी दाना। मेथी दाना डायबिटीज के लिए बहुत फायदेमंद रहता है। साथ ही इससे हड्डियों से जुड़ी समस्याएं भी ठीक होती है। जैसे जोड़ों का दर्द, हड्डियों को मजबूत करना आदि। इसके बाद 100 ग्राम अजवाइन लेनी है, अजवाइन भी शुगर को कंट्रोल करने के लिए बहुत ही लाभकारी होती है। इसके अलावा इससे आपकी गैस और एसिडिटी की समस्या भी दूर होती है और आखिर में लेंगे 50 ग्राम काली जीरी। काला जीरा नहीं, काली जीरी आपको लेनी है। काली जीरी मुख्य रूप से शुगर को कंट्रोल करने का ही काम करती है और इसके साथ आपके शरीर में जितने भी विषैले पदार्थ हैं उनकी भी सफाई पूरी तरह से करती है।
नुस्खा बनाने की विधि :
अब आपको सबसे पहले मेथी के दोनों को गैस में धीमी आंच में एकदम हल्का ब्राउन होने तक भूनना है। भुन जाने के बाद इसे एक बाउल में रख लें। और इसके बाद अजवाइन को भी कुछ मिनट तक भूनना है और आखिर में काली जीरी को भी ऐसे ही भून लें और अलग-अलग बाउल में रख लें। ध्यान रहे तीनों को एक साथ ना भूनें। क्योंकि मेथी दानों को भूनने में थोड़ा समय लग सकता है, इसलिए मेथी के भुनने तक अजवाइन और काली जीरी के जलने के चांसेज बढ़ जाते हैं। तीनों को अलग-अलग भुनने के बाद। इन्हें थोड़ी देर ठंडा होने दें। ठंडा होने के बाद सबसे पहले मेथी दोनों को मिक्सर में अच्छे से पीस लें और बाद में इसे छानकर एक बाउल में रख लें। ऐसे ही अजवाइन और काली जीरी को भी अलग-अलग पीस लें और छानकर अलग बाउल में रख लें। बाद में तीनों को अच्छ से मिला लीजिए और एक साफ जार में भरकर रख लीजिए।
और यह हो गया आपका नुस्खा तैयार।
अब इस चूर्ण या पाउडर को आपको रोजाना रात को खाना खाने के बाद एक चम्मच की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ लेना है। तीन महीने आप इस नुस्खे को करें, आपकी शुगर पूरी तरह कंट्रोल में आ जायेगी। इस नुस्खे को जब आप करें, तो 15 से 20 दिन के अंतराल में आप अपना शुगर चैक करते रहें, ताकि आपको पता चल सके कि आपका शुगर कितना कंट्रोल में आ गया है।
मधुमेह का आयुर्वेदिक उपचार बताएं
मधुमेह का आयुर्वेदिक इलाज पाना और मधुमेह का आयुर्वेदिक उपचार करके मधुमेह को पूरी तरह कंट्रोल में लाना अलग बात है। इसलिए हम आपको मधुमेह को पूरी तरह नियंत्रण में करने के लिए एक आयुर्वेदिक दवा की जानकारी देना चाहेंगे, जिसका नाम है एक दवा की जानकारी देना चाहूंगा जिसका नाम है, सूरज डायबोसोर पाउडर। यह एक आयुर्वेदिक दवा है, जोकि पाउडर के रूप में आती है और बिना किसी साइड इफेक्ट के डायबिटीज को पूरी तरह कंट्रोल में कर देती है, वो भी केवल 10 से 15 दिनो में। हर उम्र का व्यक्ति इस दवा का सेवन बिना किसी डर या संकोच के कर सकता है। आप इस दवा का सेवन करके मधुमेह को पूरी तरह नियंत्रण में कर सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। इस दवा के परिणाम मधुमेह के रोगियों में बहुत ही अच्छे देखने को मिलते हैं।
सूरज डायबोसोर पाउडर। kaha milegi
आप हेल्पलाइन नंबर 9636600550 पर कॉल या व्हाट्सएप करके इसके बारेमें जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।