अगर आपको लेटरिंग में खून आने की समस्या है, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। मल के साथ खून आना, शर्म की बात नहीं है। बल्कि ये चिंता का विषय भी हो सकता है। क्योंकि अगर आपको हर बार लेटरिंग में खून आ रहा है, तो ये बवासीर या कैंसर जैसा गंभीर रोग भी हो सकता है। कभी-कभी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में समस्या होने के कारण भी मल में खून आने लगता है।
कई बार ऐसा भी देख गया है कि लेटरिंग में खून निकलना को लोग बवासीर की समस्या मान लेते हैं। फिर संकोच के कारण लेटरिंग में खून आने का इलाज नहीं कराते।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केवल बवासीर के कारण ही लेटरिंग में खून नहीं आता। इसके अलावा भी कई कारण हो सकते हैं, जिनके कारण शौच के समय खून निकल सकता है। अतः इस समस्या को आप हल्के में न लें। तुरन्त डॉक्टर से मरामर्श लें और इलाज प्राप्त करें।
तो आइए जानने का प्रयास करते हैं कि मल में खून आना के कारण (Causes of blood in stool) क्या-क्या हो सकते हैं?
एनल फिशर (Anal Fissure)
मलद्वार के आसपास की त्वचा में दरारें पड़ जाना या दरारों का कट जाना एनल फिशर की समस्या कहलाती है। इस समस्या में लेटरिंग में खून आने के साथ ही तीव्र दर्द भी होता है। अधिकतर ये समस्या कब्ज, सख्त मल निकलना, मल त्याग में एक या दो दिन का अंतराल रखने या फिर बार-बार डायरिया की समस्या के कारण भी होता है। अतः आपको चाहिए तुरन्त चिकित्सक से मिलकर इन लक्षणों के बारे में बतायें।
आंतों में इंफेक्शन (Intestinal infection)
कई बार पॉटी में खून आना आंतों में इंफेक्शन होने के कारण भी होता है। ये आंत की समस्या मेडिकल साइंस में गैस्ट्रोएन्टराइटिस (Gastroenteritis) कहलाती है। आंतों में इंफेक्शन के कारण ये हो सकते हैं जैसे- बैक्टीरिया, किसी प्रकार का वायरस अथवा फूड प्वॉइजनिंग भी एक वजह हो सकती है।
क्रोहन रोग (Crohn’s Disease)
यह समस्या पाचन तंत्र से जुड़ी है। पाचन तंत्र की परत में सूजन व लालिमा आ जाने के कारण बार-बार डायरिया की समस्या बनी रहती है। मल में खून आता है और तेज दर्द भी होता है। क्रोहन रोग में पेट में दर्द की शिकायत, शारीरिक थकान, वजन कम हो जाना, जी मिचलाना आदि लक्षण नजर आने लगते हैं। साधारणतः क्रोहन नामक इस बीमारी में व्यक्ति की छोटी आंत का निचला भाग प्रभावित होता है।
अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis)
यह रोग होने के कारण भी टट्टी में खून आने की शिकायत होने लगती है। अक्सर देखा गया है कि अल्सरेटिव कोलाइटिस होने पर पेट की बड़ी आंत ही प्रभावित (सूजन) होती है। अल्सरेटिव कोलाइटिस रोग की जांच आप एंडोस्कोपी के द्वारा आसानी से करा सकते हैं।
जानिए बवासीर का घरेलू उपचार
कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer)
बड़ी आंत का कैंसर ही कोलोन या कोलोरेक्टल कैंसर कहलाता है। इस रोग के कारण पेट से संबंधित समस्याएं होने लगती हैं जैसे- बवासीर, कब्ज, इरीटेबल बाउल सिंड्रोम आदि। मल त्याग के समय हमेशा खून आता है व दर्द होता है। बायोप्सी या एंडोस्कोपी जांच प्रणाली की मदद से ही कोलोरेक्टल कैंसर की पुष्टि की जा सकती है।
एनल फिस्टुला (Anal Fistula)
यदि आपको शौच में खून आ रहा है, तो आपको एनल फिस्टुला की समस्या भी हो सकती है। इस समस्या को सामान्य रूप में ज्यादातर लोग भंगदर के नाम से जानते हैं। एनल फिस्टुला यानी भगंदर की समस्या में गुदा के पास छोटे-छोटे लाल रंग के मस्से बन जाते हैं। जिनमें से पस भी निकलता रहता है। व्यक्ति मल त्याग के समय तीव्र दर्द का अहसास करता है। साथ ही गुदा से खून भी टपकने लगता है। इसकी डॉक्टरी जांच अवश्य करायें और स्वस्थ इलाज प्राप्त करें।
रेक्टल प्रोलैप्स (Rectal Prolapse)
इस समस्या के अंर्तगत पेट में बड़ी आंत नेचुरल तरीके से अपना जुड़ाव खो बैठती है। जिस कारण यह आंत गुदा या मलद्वार के बाहर फैलने लगती है। इसीलिए लेटरिंग में खून आने की समस्या शुरू हो जाती है। साथ ही मलत्याग के समय कष्ट का अनुभव होता है। कई लोग इसे बवासीर रोग समझने की भूल कर बैठते हैं। इस रोग की जांच करायें और उचित इलाज प्राप्त करें।
प्रोक्टाइटिस (Proctitis)
यह एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें गुदा की अंदुरूनी त्वचा में सूजन पैदा हो जाती है। इसी सजून की वजह से लेटरिंग में खून आता है और दर्द भी होता है।
उम्मीद है आप उपरोक्त बताये गये लेटरिंग में खून आने के कारण समझ गये होंगे। इसलिए गुदा से खून आने कारण केवल बवासीर न समझें। अगर आपको लेटरिंग में खून आ रहा है, तो इसकी डॉक्टरी जांच अवश्य करायें। ताकि भविष्य में आपको किसी गंभीर समस्या का सामना न करना पड़े।